शेखपुरा : इमारत-ए-शरिया, पटना, बिहार, ओडिशा और झारखंड के अमीरात और अमीरे शरीयत हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी साहब दमात की पहल पर, शरिया शेखपुरा के काजी शरिया दारुल-कजा अमीरात अब्दुल जबार कासमी के नेतृत्व में शेखपुरा जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 15 गणमान्य लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल, शेखपुरा के सक्रिय एवं गतिशील जिला मजिस्ट्रेट श्री आरिफ अहसन साहब की सेवा में अंग्रेजी भाषा में 19 पृष्ठों का एक व्यापक और विस्तृत ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है!
इस ज्ञापन में संविधान के लाइ वक्फ बिल के नुकसानों का स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है! यह विधेयक न केवल मुस्लिम पर्सनल लॉ के खिलाफ है, बल्कि वक्फ अधिनियम 1995 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 के मूल प्रावधानों के भी खिलाफ है!?
प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बिल को किसी भी तरह से मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए और केंद्र सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए!
इस प्रतिनिधिमंडल में जामिया महमूद के सचिव और शरिया अमीरात के सदस्य श्री हाफ़िज़ फ़ैयाज़-उल-हसन हाशमी, अरबाब हाल के सदस्य और शरिया अमीरात के सदस्य मौलाना मुअज्जम अली वारिस, शरिया अमीरात के सदस्य श्री नदीम अहमद, सैयद फरहान, तौसीफ जी, अहमद साहब, अहमद साहब, एडवोकेट अय्यूब मुहम्मद साहब (शेखपुरा कोर्ट के वकील), हाफिज जुल्फिकार रहमानी, अब्दुल वहाब (सचिव, सुन्नी वक्फ कमेटी जिला शेखपुरा), परवेज आलम, शम्स तबरेज़ (सामाजिक कार्यकर्ता), हाफिज मुजामिल (इमाम और खतीब, हुसैनाबाद जामा मस्जिद), मुफ्ती हसन रहमानी (कोतवाली मस्जिद, शेखपुरा के इमाम और खतीब), मुफ्ती कमर रफी (इमाम और खतीब, जामा मस्जिद इस्थावां, शेखपुरा), और खालिद मेराज (इमाम और खतीब, जामा मस्जिद इस्थावां) शामिल थे!