मो० हमजा अस्थानवी
पटना: 5 दिसंबर 2024: बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ (BIL) की निःशुल्क कानूनी सहायता केंद्र इकाई ने आज राजा बाजार के समनपुरा पार्षद कार्यालय में एक निःशुल्क कानूनी सलाह एवं सहायता शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में राजा बाजार और इसके आसपास के सैकड़ों नागरिकों ने अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए भाग लिया।
शिविर का उद्घाटन और मुख्य अतिथि
शिविर का उद्घाटन बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के सचिव डॉ. अरुण श्रीवास्तव और वार्ड पार्षद दीपा रानी खान ने किया। उद्घाटन के अवसर पर डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, "समाज में न्याय और अधिकार सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। यह शिविर लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करने का एक प्रयास है।"
पार्षद दीपा रानी खान ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम नागरिकों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकते हैं, विशेषकर उन लोगों के लिए जो कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक नहीं हैं।
समस्याओं का समाधान और जानकारी
शिविर में घरेलू विवाद, पति-पत्नी के आपसी विवाद, जमीन-जायदाद से संबंधित विवाद, वृद्धावस्था पेंशन की समस्याएं, और सरकारी महकमों द्वारा उत्पन्न परेशानियों से जूझ रहे नागरिक बड़ी संख्या में पहुंचे। कार्यक्रम में उपस्थित कानूनी विशेषज्ञों और छात्रों ने उनकी समस्याओं को विस्तार से सुना और समाधान के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की।
शिविर में कुछ समस्याओं का समाधान मौके पर ही कर दिया गया। जिन मामलों को तत्काल हल नहीं किया जा सका, उनके लिए संबंधित नागरिकों को बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के निःशुल्क कानूनी सहायता केंद्र पर आने का परामर्श दिया गया।
सहायक व्याख्याताओं और छात्रों की भूमिका
इस कार्यक्रम में संस्था की सहायक व्याख्याताओं, जिनमें श्रीमती अंकिता दास, श्री सूरज अमित, सुश्री शांभवी वत्स, और श्रीमती शालिनी राज शामिल थीं, ने अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, लगभग 35 छात्र-छात्राओं ने शिविर में भाग लिया और लोगों की समस्याओं को समझने और उन्हें समाधान प्रदान करने में सक्रिय सहयोग दिया। छात्रों ने इस मौके पर वास्तविक कानूनी कार्यवाही और समस्याओं के निपटान की प्रक्रिया को करीब से समझने का अनुभव प्राप्त किया।
पुलिस प्रशासन की उपस्थिति
कार्यक्रम में स्थानीय प्रशासन का भी सहयोग प्राप्त हुआ। शास्त्री नगर थाना के ए.एस.आई. मानिक कुमार और दो अन्य एस.आई. भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम में एक नई ऊर्जा और विश्वास जोड़ा, जिससे नागरिकों को यह एहसास हुआ कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और समझा जा रहा है।
लोगों का उत्साह और प्रतिक्रिया
शिविर में आए नागरिकों ने इस पहल की जमकर सराहना की। कई लोगों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम उन्हें उनके अधिकारों और कानूनी प्रक्रिया के प्रति जागरूक बनाते हैं। शिविर में अपनी समस्या का समाधान पाकर एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा, "यह पहल हमारे जैसे लोगों के लिए बहुत उपयोगी है। यहां हमें न केवल हमारी समस्या का समाधान मिला बल्कि हमें अपने अधिकारों के बारे में भी जानकारी मिली।"
शिविर का महत्व और निष्कर्ष
बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ द्वारा आयोजित यह शिविर समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार की पहल से न केवल नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सकता है, बल्कि न्याय तक उनकी पहुंच को भी सुगम बनाया जा सकता है।
संस्था के सचिव डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने अंत में कहा कि ऐसे शिविरों को नियमित रूप से आयोजित करने की योजना है, ताकि समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाया जा सके। यह पहल न केवल नागरिकों के लिए बल्कि कानून के छात्रों के लिए भी एक शानदार सीखने का अवसर है।