NALANDA: पद से हटते ही आर०सी०पी० का मानसिक संतुलन बिगड़ गया- नालन्दा जिला जनता दल यूनाईटेड के मुख्य प्रवक्ता डा० धनंजय कुमार देव ने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री आर सी०पी० सिंह मीडिया में बनें रहने के लिए टीका टिप्पणी करते रहतें है उनका राजनैतिक जन्म जद (यू) के सर्वमान्य नेता माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा पर हुई है। जिस पार्टी ने उन्होनें राजनैतिक पहचान दी आज उसी के खिलाफ अनाव शनाव टिप्पणी कर नेता नीतीश कुमार की सरकार को बदनाम करने का कार्य कर रहें है। शराबबंदी के खिलाफ बोलकर उन्होंने अपनी व्यक्तिगत परिचय को जनता के बीच में उजागर करने का काम किया है। शराबबंदी जैसे ऐतिहासिक फैसले आज लोगों के लिए वरदान साबित हो रहें हैं।
बिहार में शराबबंदी के व्यापक लाभ समाज में दिखाई पड़ रही है। सड़क दुर्घटना, घरेलु हिंसा, हत्या, लुटपाट की वारदातों में तथा जानलेवा बीमारियों में काफी कमी आई है। गरीब गुरबा लोगों कों जीवन यापन के स्तर में सुधार दिखाई पड़ रही है शराबबंदी का अनेक तरह का सकारात्मक प्रभाव समाज में पड़ रहा है। जो लोग शराबबंदी अभियान का मजाक उड़ातें थे या है, उन्हें ये आंकड़ा देखना चाहिए। सांप्रदायिक सद्वाव में शराबबंदी का अहुत योगदान है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था अगर मुझे तानाशाह बनकर एक भी कठोर निर्णय लेना पड़े तो पूरे देश में शराबबंदी को लागु कर दूं। जिस पार्टी के वे गुनगान कर रहे हैं, उस पार्टी के सबसे बड़े नेता ने नीतीश कुमार को सबसे बड़े समाजवादी नेता कहकर संबोधित किया था। हमारे नेता नीतीश कुमार वोट की चिंता नहीं करतें वोटरों की चिंता करते है उनके कल्याण की एवं उनके न्याय के साथ विकास की चिंता करते है राजनीति सेवा के लिए होती है मेवा के लिए नहीं वाली सिद्धांतो पर कार्य करने में विश्वास रखते है राज्यसभा से टिकट कट जाने के बाद आर सी०पी० सिंह की मानसिक स्थिति ठीक नही चल रही है।
जिस नेता ने अर्श से फर्श तक उन्हें पहुँचाया उस पर टीका टिप्पणी कर रहें वें अपनी हैसियत और मर्यादा भूल गये हैं। अपनी राजनीति की चिंता करें जद (यू) की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है जब जद (यू०) के वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये गये थे तब से लगातार वे बी०जे०पी० के इशारे पर काम कर रहे थे तथा इनके कुशल नेतृत्व में अरुणाचल प्रदेश के सात में से छ. जद (यू०) विधायक को भाजपा में शामिल करवाया इनके अपने बुथ पर जद (यू०) को 900 से कुछ अधिक वोट और विरोधी को 1570 वोट प्राप्त हुआ था। अपनी हैसियत ग्राम पंचायत में मुखिया बनने के लायक है नहीं चलें है दूसरों को मश्वरा देनें उनको राजनीति अनुकम्पा पर मिली है।
संघर्ष करके राजनीति में आतें तब उनको पता चलता नेता नीतीश कुमार ने क्षवि का एवं उनके द्वारा किये गयें न्याय के साथ विकास सुशासन मांडल का दुनिया ने लोहा माना है। पूरे बिहार ही देश की आवाम की मांग है कि नीतीश मांडल देश में लागू हो। इसलिए तो उनके योजनाओं का अनुशरण देश प्रदेश की कई सरकारें कर रही है। चार बार ओछी राजनीति कर किसी पार्टी की क्षवि को खराब करने का आपका प्रयास असफल रहेंगा।
बिहार की जनता का अटुट प्रेम विश्वास नेता नीतीश कुमार के साथ थी है और रहेगी। भाजपा के इशारों पर व्याकुल होकर व्यान देने से कुछ हासिल नहीं होने वाला। जनता सब देखती है समझती है जानती है। कभी चुनाव लड़कर देखने से पता चल जायेगी। शायद उनको देश में महंगाई, बेरोजगारी पर बोलने में डर सा लगता है। देश में युवा बेरोजगार है किसान बेहाल है उधोगपति मालामाल है यें गुनगान करने में लगे है।




