जानकारों के अनुसार भारत में युवा हार्ट की बीमारी के शिकार हो रहे हैं, पिछले 10 से 15 वर्षों में यह बीमारी अधिक उम्र के लोगों की होती थी, मगर अब युवाओं में अधिक देखी जा रही है,सीने में दर्द,जलन,बेचैनी अधिक पसीना होना,इसके मुखय लक्षण बताया जा रहा है ,अब यह गंभीर समस्या बन गई है, जिसे निजात दिलाने के लिए सरकार को उपाय करना चाहिए ,साथ ही लोगों को भी स्तरक रहना पड़ेगा,युवाओं को खान-पान और रहन-सहन पर आधुनिकता को छोड़कर ,प्राकृतिक सामानों का इस्तेमाल ज्यादा करना पड़ेगा,ताकि इन सब बीमारियों से बचा जा सके, मांस,मछली,वसायुक्त खाद्य पदार्थ,भोजन,मदिरा,शराब इत्यादि का सेवन करने से ही ऐसी समस्या उत्पन्न होती है,युवा वर्ग को ज्यादा सतर्क रहना होगा, और इसके इस्तेमाल से परहेज करना होगा, तभी जाकर दिल की बीमारियों से युवा वर्ग बच सकते हैं।
दिल की बीमारी युवाओं में बढ़ना, अधिक चिंता का विषय बना।
October 04, 2021
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शहाबुद्दीन अहमद(BiharTV):इन दिनों युवाओं में हार्ट की बीमारी की शिकायत आम होती जा रही है ,आधुनिक खान-पान, रखरखाव ,इसका मुख्य कारण है, जो चिंता का विषय बनता जा रहा है ,एक रिपोर्ट के अनुसार 2015 तक भारत में 6.2 करोड लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी का पता चला है ,जिसमें लगभग 2.3 करोड लोगों के बीच उम्र 40 वर्ष से कम थी, हार्ट अटैक से जान गंवाने वालों की संख्या 2016 में 21.914 ,2017 में ,23 .249, 2018 में 25.764,2019 में बढ़कर 28.005 हो गई।
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