इस प्रेरणादायक पहल की अगुवाई कर रहे हैं बिहार शरीफ नालंदा के स्वर्गीय भोला प्रसाद जी के पुत्र प्रिंस एफ. ब्रांस। उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं उनके साथी रंश आर्य, कुणाल राज, शुभम सिन्हा, देवराज, गणपत और रोहित। इन युवाओं ने यह संकल्प लिया है कि जब तक कोई भूखा सोता है या कोई बेसहारा सहायता से वंचित रहता है, तब तक उनका यह सेवा अभियान जारी रहेगा।
प्रिंस एफ. ब्रांस ने कहा,
“यह कार्य मैं अकेले नहीं कर रहा हूं। मेरे साथियों की मेहनत, उनका समर्पण और सहयोग ही इस कार्य को संभव बना रहा है। यह पहल कभी नहीं रुकेगी। हम उन सभी लोगों का दिल से आभार व्यक्त करते हैं जो भले ही हमारे साथ फिजिकल रूप से नहीं हैं, लेकिन किसी न किसी रूप में इस कार्य को मजबूत बना रहे हैं।”
इस समूह की सबसे खास बात यह है कि इनका मानवता का दायरा सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं है। ये युवा बेजुबान जानवरों के लिए भी भोजन और पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। चाहे आवारा कुत्ते हों या बीमार गायें, टीम पूरी संवेदनशीलता और देखभाल के साथ उनकी सेवा कर रही है।
रेलवे स्टेशन, सड़कों के किनारे और झुग्गी-बस्तियों में जाकर ये युवा नियमित रूप से भोजन वितरित कर रहे हैं और जरूरतमंदों की भावनात्मक और सामाजिक मदद भी कर रहे हैं।
यह पहल समाज के लिए एक प्रेरणा है — यह दिखाती है कि यदि इच्छाशक्ति और संवेदना हो, तो युवा भी बदलाव की मिसाल बन सकते हैं।