मो० हमजा अस्थानवी
नालन्दा : उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार अशरफ अस्थानवी का आज पटना में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे लगभग 58 वर्ष के थे। अशरफ अस्थानवी कई दैनिक पत्रों से जुड़े हुए थे। साथ वे प्रसिद्ध उर्दू पत्रकार लेखक एवं स्तंभकार आवामी उर्दू निफाज कमिटी के सुप्रीमों राज्यपाल के पूर्व प्रेस सलाहाकार भी रह चुके थे। अशरफ अस्थानवी को कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सम्मान मिल चुके हैं "लाइफ टाइम एचीवमेंट" उनका चर्चित कालम पटना से प्रकाशित दैनिक जागरण , दैनिक भास्कर, हिंदुस्तान अखबारों में उर्दू दैनिक के कई अखबारों में प्रकाशित हो रहा था। 5 नवंबर 2014 को बिहार के 23वेंं मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित पुस्तक पर लिखी किताब टूटी स्लेट आधी पेंसिल से मुख्यमंत्री की कुर्सी तक, सदा-ए-जरस (बिहार के रत्न) फारबीसगंज का सच के अलावे वरिष्ठ पत्रकार असरफ अस्थानवी ने अपने जीवनकाल में कई पुस्तकों का संपादन किया। अंग्रेजी, उर्दू और इंग्लिश की पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद भी किया। अशरफ अस्थानवी के निधन पर पत्रकारों तथा साहित्यकारों ने शोक व्यक्त किया है। वे आकाशवाणी, दूरदर्शन और अन्य टीवी चैनलों से वार्त्ताओं, रूपकों, भेंटवार्त्ताओं और परिचर्चाओं का प्रसारण एवं टीवी सीरियल और वृत्तचित्रों का पटकथा लेखन कार्य किया। उन्होंने पत्रकारिता और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी की। वे देश की कई जानी मानी पत्रिकाओं के लिए भी लिखते थे। बिहार के लोगों में उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के लिए यह अपूरणीय क्षति है। अशरफ अस्थानवी जन्म 20 फरवरी सन 1967 को नालन्दा जिला के अस्थावां में हुआ था। यह वर्तमान में पटना सब्ज़ी बाग में है। अशरफ अस्थानवी अपनी निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए पूरे बिहार में एक मिसाल माने जाते थे।





